Wednesday, June 22, 2011

फोन से सूचना उपलब्ध कराने की सरकारी सेवा

बिहार सरकार ने लोगों तक आसानी से सूचना पहुंचाने के लिए काॅल सेंटर की व्यवस्था की है। जिसे ‘जानकारी’ नाम दिया गया है। देश में यह अनूठा और इकलौता प्रयोग है। इस सेवा के माध्यम से कोई भी व्यक्ति कहीं से भी महज एक फोन नम्बर डायल कर सूचनाएं हासिल करने की प्रक्रिया शुरू कर सकेगा। सूचना प्राप्त करने की इच्छा रखने वाले को फोन नम्बर 155311/15331 डायल करना होगा। यह नंबर नम्बर राज्य सरकार के काॅल सेन्टर ‘‘जानकारी’’ का है। इस नम्बर पर फोन करते ही 10 रूपये की राशि फोनकर्ता के टेलीफोन बिल में जुट जायेगी यानि 10 रुपये बैंलेस खाते से कट जाएगा। जानकारी सेन्टर में फोन करते ही सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सूचना मुहैया करने की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी।
काॅल सेन्टर में फोन कर आप अपनी शिकायत या सूचना हासिल करने संबंधी आवेदन मौखिक दर्ज करा पाएंगे। काॅल सेन्टर इसे लिखित रूप में दर्ज कर संबंधित विभाग को कारवाई के लिए भेज देगा। सूचना नोट होते ही काॅल सेन्टर फोनकर्ता को आवेदन संख्या भी देगी। जिसे आपको नोट कर रखना होगा। प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपको यह भी बता दिया जायेगा कि आवेदन को संबंधित विभाग के पास कारवाई के लिए भेजा जा रहा है। इससे पहले फोनकर्ता अपना टेलीफोन नम्बर और पूरा पता काॅल सेन्टर में लिखा देगें ताकि 35 दिनों के भीतर सूचना उपलब्ध होते ही काॅल सेन्टर इसकी जानकारी फोनकर्ता को दे सके। ऐसा नही होने पर 35 दिनों के बाद फोनकर्ता को दोबारा फोन करना होगा। इस बार फोन काॅल अपील माना जायेगा। इसके लिए भी टेलीफोन शुल्क के रूप में 10 रूपये की राशि बीएसएनएल फोनकर्ता से वसूलेगा। इस अपील पर 20 दिनों के भीतर कारवाई होगी।
पहली अपील के बावजूद फोनकर्ता को फिर कोई शिकायत हो तो दूसरी बार अपीलीय फोन कर सकेंगे। जिसके लिए 10 रूपये शुल्क भुगतान करना होगा। इस बार की अपील सूचना आयोग के पास कारवाई के लिए भेजी जायेगी। जहां सुनवाई के बाद आयोग अपना निर्णय सुनायेगी। इसमें भी 20 दिनांे का समय लगेगा। इस दौरान फोनकर्ता एक अन्य फोन नम्बर 155310 पर फोन कर इस संबंध में अन्य कोई भी जानकारी हासिल कर सकेंगे। इसके लिए फोनकर्ता को 10 रूपये का भुगतान नहीं करना पडे़गा। बहरहाल, बिहार सरकार ने जन जन तक सूचना पहुंचाने के लिए कालसेंटर की व्यवस्था कर दी है अब आप पर है कि जनता इस सेवा का कितना इस्तेमाल किस तरह से करती है। इससे बढि़या,सस्ता और सुविधाजनक माध्यम दूसरा कोई हो नहीं सकता।

अरे वाह! अब ऐसे की जा रही है दूल्हे की जांच-पड़ताल

आपराधिक रेकॉर्ड वाले लड़कों के लिए अब धोखाधड़ी करके शादी कर पाना मुश्किल होगा, क्योंकि वधु पक्ष के लोग सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून का इस्तेमाल करके इस बात का पता लगा रहे हैं कि दूल्हे के नाम किसी तरह का कोई मामले तो दर्ज नहीं है।

पुलिस कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक करीब 400 ऐसे आवेदन मिले हैं, जिनमें लोगों ने लड़की की शादी की बात कहते हुए लड़के का आपराधिक ब्यौरा मांगा है। मेरठ के एसपी पी.पी. सिंह ने बताया कि आरटीआई के तहत मिलने वाले आवेदनों का पुलिस लगातार जवाब दे रही है।

उन्होंने बताया कि अब तक पुलिस को मिले करीब 400 आवेदनों में से 300 लोगों को इससे संबंधित सूचनाएं भेजी जा चुकी हैं। अधिकारियों का कहना है कि जिस तरह से इन आवेदकों की संख्या बढ़ रह रही है, उससे पुलिस का काम काफी बढ़ गया है। दसअसल वधु पक्ष के लोग शादी की बात आगे बढ़ाने से पहले जानना चाहते हैं कि लड़के का कोई क्रिमिनल बैकग्राउंड तो नहीं है।

छत्तीसगढ सूचना का अधिकार मंच

सूचना के अधिकार से जुडी कॊई भी जानकारी और खबर यहां प्रकाशित की जाएगी। सहयॊग से हम आगे बढेंगे और भ्रष्टाचार का खात्मा करेंगे। जय हिंद

हो रहा भारत निर्माण ....

सूचना एवं प्रकाशन विभाग का यू पी ए सरकार के २ वर्ष पूर्ण होने पर जारी विडियो विज्ञापन "हो रहा भारत निर्माण ...." नेशनल चैनल पर देखा ..
क्या हमारे आर टी ओ साहब बतायेंगे कि ..
क्या ट्रैक्टर ट्राली को सवारी परिवहन हेतु सरकारी कानूनी मान्यता मिल चुकी है ???
क्या मोटरसाइकिल पर २ से ज्यादा सवारियो चलने की सरकारी कानूनी मान्यता मिल चुकी है ????
और यदि लोकतंत्र में जनता ही कानून से उपर होती है , जो सच भी है तो फिर सरकार ने सोते हुये रामदेव समर्थको पर लाठियां क्यो भांजी और क्यो छोड़े अश्रुगैस के गोले ......????
दिग्विजय पागलपन में कुछ भी बोलें तो उन्हें है लोकतांत्रिक मूल्यो की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता , और अन्ना , रामदेव और सिविल सोसायटी कुछ कहें तो यह है लोकतांत्रिक संस्थाओ के अधिकारो का हनन ... वाह भई वाह ..
अच्छा है यह "भारत निर्माण ..."

छत्तीसगढ सूचना का अधिकार मंच

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जय हिंद जय छत्तीसगढ