Wednesday, June 22, 2011

आर.टी.आई. प्राइवेट सेक्टर पर भी लागू हो

{ वर्ष-५, अंक-१६ , २७ जनवरी से २ फरवरी २०१० तक वफादार साथी में प्रकाशित }

महात्मा गांधी ने देश को स्वतंत्रता दिलाई परन्तु अभी तक प्रशासन में अपना तंत्र (स्व-तंत्र) लागू नहीं हुआ, अंग्रेजों के जमाने के कानून आज भी चल रहा है जिसके कारण अब भी शोषण गोरे अंग्रेज के बाद काले अंग्रेजनुमा कुछ नौकरशाह ( वर्तमान आईपीएस, आईएएस, आईएफएस) कर रहे हैं। ईमानदार नौकरशाह उपेक्षित एवं अपमानित स्थिति में सिर झुकाकर बेबसी से नौकरी कर रहे हैं आर.टी.आई. एक्ट लागू होने से प्रशासन में मात्र एक प्रतिशत पारदर्शिता आई है ९९ प्रतिशत अभी भी षडयंत्र के तहत कार्य चल रहा है जब तक निजी क्षेत्रों में भी आरटीआई एक्ट प्रभावशील नहीं होगा तब तक किसी देश में भ्रष्टाचार मिट नहीं सकता, क्योंकि प्रशासन के धन को लूटने वाले भ्रष्ट अधिकारी एवं बेईमान व्यापारी भी रहते हैं। बेईमान व्यापारियों के चलते ईमानदार व्यापारी दीवालिया हो जाता है।

उदाहरण के तौर पर उदाहरण के तौर पर यदि एक बिल्डिंग निर्माण का ठेका निर्धारित दर से ३० प्रतिशत कम पर ठेकादार को मिलता है तो हम ये जानने का हक नहीं रख नहीं पाते की उस ठेकेदार ने कैसे रोज बढती मंहगाई में भी ३० प्रतिशत से कम पर कार्य किया। आम जनता को प्रत्येक व्यापारी के बैंक खाते, जमा खर्च, आवक्-जावक को पारदर्शी किया जाएगा तभी मुनाफाखोरी, कालाबाजारी बंद होगा इसलिए पान ठेला, किराना दुकान, आटा चक्की से रोलिंग मिल, सीमेंट कारखाना पावर प्लांट सभी में आरटीआई एक्ट लागू हो।

इसके लिए सभी राजनैतिक पार्टियों के नेताओं को राष्ट्रहित में तत्काल निर्णय लेना चाहिए, वहीं जागरुक नागरिक संगठनों, स्वयंसेवी संस्थानों को जमकर आंदोलन कर हल्ला बोल करना चाहिए, जब तक नागरिक संगठनों द्वारा उग्र आंदोलन नहीं किया जाएगा तब तक आर.टी.आई. एक्ट प्राइवेट सेक्टर पर लागू नहीं होगा, क्योंकि भ्रष्ट नौकरशाह बेईमान व्यापारियों एवं उद्योगपतियों के रक्षक हैं बडे घोटाले में इनकी भागीदारी रहती है। प्राइवेट सेक्टर पर आरटीआई लागू होने से बाहुबलियों, देहव्यापारी, नशा के सौदागर, अपराधी की काली कायनात भी जनता के सामने उजागर होगी, कैसे उक्त लोग कम समय में अकूत संपत्ति हासिल कर लिए और जनता को मुंह चिढाले घूम रहे हैं।

न्यायपालिका से जुडे हुए ईमानदार न्याधीश अपने आप चिन्हित होंगे। अक्सर यह देखा गया है कि रसूखदार मंत्री, नौकरशाह अपने नजदीकी रिश्तेदार, चाटुकार कार्यकर्ता अपने सेवादारों को नजायज तरीके से करोडों रुपये का लाभ पहुंचाते हैं चूंकि प्राईवेट दुकानों में आरटीआई एक्ट लागू नहीं है इसलिए कोई यह नहीं पूछ पाता है कि कम समय में इतना धन कहां से आया। कल तक साइकल में चलने वाला कैमे पांच सितारा होटल का मालिक बन गया। इन सबका खुलासा उसी समय होगा जब आरटीआई एक्ट प्राइवेट सेक्टर पर भी लागू हो, यदि डा. रमन सिं चाहें तो एक विधेयक लाकर राज्य में नया आरटीआई एक्ट कानून विधानसभा में पेश कर कानून बना सकते हैं जिससे प्रदेश में भ्रष्टाचार खत्म हो जावेगा।

--अनिल अग्रवाल--

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