Sunday, June 26, 2011

नंबरदार के डर से गांव छोड़ा!

फतेहाबाद

किरढ़ान गांव के एक आरटीआई कार्यकर्ता जीतराम को सूचना के अधिकार के तहत जानकारी लेना महंगा पड़ गया। उसका परिवार गांव छोडऩे पर मजबूर हो गया है। अब जीत राम घर में अकेला रह रहा है। उसकी पत्नी बिमला, पुत्री अलका, पुत्र अंगद व पुत्रवधु सुमित्रा इतने सहमें हुए हैं कि रिश्तेदारों के यहां छिप रहे हैं। गांव के लोग कुछ भी बोलने से गुरेज कर रहे हैं। सरपंच दोनों पक्षों का निजी मामला बताते हुए खुलकर बोलने को तैयार नहीं हैं।

गांव में मिट्टी के बर्तन बना कर अपने परिवार का गुजारा करने वाले जीतराम ने सूचना के अधिकार के तहत कुछ जानकारियां लीं, जिसके बाद प्रशासन को शिकायत दी। प्रशासन ने शिकायत पर गनंबरदार भगतराम के कब्जे से तीन एकड़ पंचायती जमीन छुड़वा ली थी। इस जमीन पर 30 वर्षों से भगतराम ने कब्जा कर रखा था। जीतराम ने कहा कि कब्जे से पंचायती आय को जो नुकसान हुआ, उसकी भरपाई भी भगतराम से कराई जाए। भगतराम ने अपने मकान के साथ लगते बिजली विभाग के एक प्लाट व इमारत को भी घरेलू कार्यों के लिए इस्तेमाल कर रहा था। इसकी भी जीत राम ने सूचना के अधिकार के तहत सारी जानकारी मांग ली, जिसके बाद से जीत राम व भगतराम में तनातनी चल रही है।

जीतराम के अनुसार कार्रवाई से खफा भगत राम ने गत 6 फरवरी को उस पर कुछ लोगों के साथ जानलेवा हमला भी कराया था। तब गांव के बस अड्डे के पास बने शराब के ठेके पर काम करने वाले अशोक कुमार व पवन कुमार ने उसे बचाया था। झगड़े की शिकायत थाने में की तो थाना प्रभारी ने भी सुनवाई नहीं की। वह एसपी को भी शिकायत कर चुका है। उसने बताया कि उसके परिवार को नंबरदार धमकियां दे रहा है। असुरक्षित महसूस करते हुए पत्नी बिमला देवी, पुत्री अलका, पुत्र अंगद तथा पुत्रवधु सुमित्रा गांव छोड़ चुके हैं।

आरोप बेबुनियाद

मामले को लेकर मैं कानूनी तरीके से लड़ाई लड़ूंगा। जीतराम पर मैने कोई हमला नहीं किया। हमले और धमकी के आरोप सरासर बेबुनियाद हैं। बेवजह मुझे बदनाम किया जा रहा है। ""

भगतराम, नंबरदार

मैं क्या कर सकता हूं

जीत राम के परिजनों ने गांव छोड़ा है या नहीं, मुझे कैसे पता चलेगा। गांव में साढ़े चार हजार वोट हैं। मैं किस-किस का ध्यान रखूंगा। झगड़े के डर से कोई घर छोड़ चला जाए तो मैं क्या कर सकता हूं। ""

संपत भादू, सरपंच, गांव किरढ़ान

मामले की जांच आईओ रणधीर सिंह कर रहे हैं। झगड़ा गांव के बस अड्डे पर हुआ था। जीत राम के हक में किसी ने भी गवाही नहीं लिखवाई है। निष्पक्ष कार्रवाई करेंगे।""

निर्मल सिंह, थाना प्रभारी, भट्टू

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